शांताकुमारी (वास्को)। : महालसा मंदिर से भगवान श्रीकंठेश्वरनाथ जी मंदिर तक कांवड़ यात्रा का आयोजन गोवा में किया गया। यह पहली बार इस परंपरा को गोवा में आयोजित किया गया है। जानकारी के लिए आप को बतादे कि हर साल श्रावण मास में लाखों की तादाद में कांवडिये सुदूर स्थानों से आकर गंगा जल से भरी कांवड़ लेकर पदयात्रा करके गंगा जल से भगवान श्रीकंठेश्वरनाथ जी का अभिषेक करते है। यह कांवड़ यात्रा उत्तर भारत की सभ्यता है, और यह पहली बार गोवा में आयोजित किया गया है। गोवा में आयोजित कांवड़ यात्रा में कांवड़ियों ने भाग लिया और वे गोवा में पहुंचकर महलसा मंदिर से जल लेकर श्रीकंठेश्वरनाथ मंदिर तक १८ किलोमीटर पदयात्रा करके गंगा जल से भगवान श्रीकंठेश्वरनाथ जी को चढ़ाया।
इस कांवड़ यात्रा में श्री कृष्णा साल्कर उर्फ़ (दाजी) और चिकालिम के उप सरपंच श्री कमल प्रसाद यादव भी उपस्थित थे। इस दौरान श्री दाजी ने कहा कि यह कांवड़ यात्रा उत्तर भारत की सभ्यता है,और यह पहली बार गोवा में आयोजित किया गया है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य उत्तर भारत की कांवड़ यात्रा की सभ्यता को गोवा में लाना। आगे उन्होंने कहा कि यह कांवड़ यात्रा गोवा के लोगों की शांति के लिए और उनके कल्याण के लिए श्रीकंठेश्वरनाथ जी मंदिर में शक्तिशाली पूजा की गयी है। यह कांवड़ यात्रा के माध्यम से शिव की अभिषेक के द्वारा लोगों को शांति, करुणा, प्रेम व अहिंसा की भावना को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। इस पूजा से मानव जीव के सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, आर्थिक एवं राजनैतिक क्षेत्रों में लोक कल्याण की दीक्षा देता है। लोगों को समता-करुणा-प्यार के साथ रहना सिखाता है एवं सुखमय जीवन बिताने का मार्ग प्रशस्त कराता है।