Shantakumari, Editor (SDC NEWS) : केंद्रीय महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने अपने जीवन व राजनीतिक क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों से लड़कर सफलता हासिल की है। उन्होंने अपने बीच आए अनेक चुनौतियों से लड़कर आगे बढ़े और उन ऊंचाइयों को छूकर उन्होंने सफलता हासिल की है। हालांकि श्रीमती स्मृति ईरानी ने लोगों की भलाई के लिए कार्य कर जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरे।
आप को बतादे कि श्रीमती स्मृति ईरानी ने भाजपा पक्ष के वफादार नेता बनकर कपड़ा मंत्री तथा केंद्रीय महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री जैसे पक्ष के ओर से सौंपा गया पदों का सम्मान किया।
स्मृति ईरानी की व्यक्तिगत जीवन :
भाजपा के वरिष्ठ नेता व स्मृति ईरानी का जन्म 23 मार्च 1976 दिल्ली में हुआ। स्मृति ईरानी का पिता का नाम अजय कुमार मल्होत्रा और माता का नाम श्रीमती शिबानी बागची। स्मृति ने राष्ट्रीय राजधानी में ही शिक्षा ग्रहण की। जिसके बाद उन्होने 1998 में मॉडलिंग में प्रवेश कर फेमिना मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में फाइनल में पहुंची, किन्तु विजेता नहीं बन पायी। मॉडलिंग में प्रवेश करने से पहले, वह मैकडॉनल्ड्स में वेट्रेस और क्लीनर के पद पर कार्य भी कर चुकी हैं।
आप को बतादे कि जब मॉडलिंग में प्रवेश कर मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वे मुंबई गए थे तो उनके पास पैसे तक नहीं थे। तो उन्होंने अपने पिताजी से 2 लाख रुपये उधार लिए। जबकि उनके पिताजी मिस इंडिया जैसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पर खुश नहीं थे, क्योंकि वे रूढ़िवादी पंजाबी-बंगाली परिवार के थे।
बचपन से ही स्मृति ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गयी :
बचपन से ही श्रीमती स्मृति ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गयी थी। आप को बतादे कि स्मृति ईरानी के दादाजी वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य थे। इस दौरान उन्होंने बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हुए।
अभिनय क्षेत्र :
‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’में ‘तुलसी’का किरदार निभाया :
1998 में मॉडलिंग में प्रवेश कर मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। वे फाइनल तक पहुंची लेकिन अपने मुकाम तक नहीं पहुंच पाई। जिसके बाद उन्होंने अभिनय के जरिए अपनी किस्मत आजमाने की कोशिश की। जब वे टेलीविजन धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में ‘तुलसी’ का किरदार निभाने के लिए ऑडिशन देने गयी तो उनकी ऑडिशन लेने से इनकार किया गया था। जबकि एकता कपूर ने उन्हें पहचाना और कहा कि ये तो तुलसी है। लेकिन वहां पर काम करने वालों को उनके तुलसी बनना पसंद नहीं था।
हालांकि जब उन्हें ‘तुलसी’का किरदार निभाने का मौका मिला तो शूटिंग शुरू करने से एक सप्ताह बाद जब वे प्रोडक्शन के लिए जा रही थी तो उन्हें वहां के चौकीदार ने रोका और कहा कि ‘कहा जा रही हो’ तब उन्होंने ‘कहा कि मैं तुलसी का रोल निभा रही हूँ।
बता दे कि स्मृति ईरानी ने टेलीविजन धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में ‘तुलसी’का किरदार निभाया और चर्चित हुईं।
टेलीविजन धारावाहिक में कॉन्ट्रैक्ट हस्ताक्षर करने के एक दिन पहले उनकी हुई सगाई :
टेलीविजन धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी में कॉन्ट्रैक्ट हस्ताक्षर करने के एक दिन पहले उनकी जुबिन ईरानी के साथ सगाई हुई थी। जिसके बाद वर्ष-2001 में स्मृति ने जुबिन ईरानी से शादी की। उनके तीन बच्चे हैं – ज़ोहर ईरानी, ज़ोइश ईरानी, और चॅनेले ईरानी।
राजनीतिक जीवन की शुरूआत :
वर्ष 2003 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण कर राजनीतिक जीवन की शुरूआत की। जिसके बाद उन्होंने वर्ष 2011 में गुजरात से राज्यसभा में अपना कदम रखा। जब भाजपा सत्ता में आई तो उन्हें मानव संसाधन विभाग मंत्री पद सौंपा गया। इसी वर्ष इनको हिमाचल प्रदेश में महिला मोर्चे की भी कमान सौंप दी गई। 2016 में उन्होंने टेक्सटाइल मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
2019 के लोक सभा चुनाव ने स्मृति ने राहुल गांधी को अमेठी में पराजित किया :
भारतीय आम चुनाव, 2014 में स्मृति ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास के खिलाफ अमेठी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और उन्हें कड़ी चुनौती दी। हालांकि वे उन चुनावों में हार गए थे। परन्तु उन्होंने हार नहीं मानी वे अमेठी में जीत हासिल करने की तमाम कोशिशों में जुड़ गए थे। क्योंको अमेठी गांधी परिवार का सबसे मजबूत गढ़ था।
लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में जिसे गांधी परिवार का सबसे मजबूत गढ़ कहा जाने वाले अमेठी से राहुल गांधी को मंत्री स्मृति ईरानी ने 55 हजार 120 मतों के अंतर से पराजित किया। ‘मोदी जी की लहर इतनी तेज और मजबूत थी कि वे गांधी परिवार का सबसे मजबूत गढ़ कहा जाने वाले अमेठी से जीत हासिल की है।