Shantakumari, Editor (SDC NEWS) : 28 दिसंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तटीय नियमन क्षेत्र (सीआरजेड) अधिसूचना, 2018 को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। यह अधिसूचना के अनुसार, पर्यटन से जुड़ी अस्थायी सुविधाओं की अनुमति अब सीआरजेड-III क्षेत्रों के ‘एनडीजेड’में भी दी गई है। जिसके मुताबिक समुद्र तटों (सी-बीच) सभी द्वीपों के लिए 20 मीटर का ‘एनडीजेड(कोई विकास क्षेत्र नहीं) निर्धारित किया गया है।

लेकिन इस पर श्री GRE के सेक्रेटरी श्री ओलेन्सिओ सिमोस का कहना है कि अगर यह अधिनियम गोवा में लागू किया जाता है तो इसका सीधा असर पर्यटन विभाग और पारंपरिक मछुवारों पर पडेगा। यह CRZ अधिसूचना गोवा के समुद्र तटों (सी-बीच) और पारंपरिक मछुवारों के लिए आत्मघाती होगा, यदि 105 किलोमीटर के समुद्र तट का उपयोग लैंडिंग स्थलों के रूप में किया जाता है तो इसका सीधा असर 105 किलोमीटर समुद्र तटों (सी-बीच) पर प्रभावित होगा, जिसके कारण मछुआरे सभी रेतीले समुद्र तटों को खो देंगे, जिससे आगे रेत का कटाव हो सकता है ऐसा श्री ओलेन्सिओ सिमोस ने अपना विचार व्यक्त किया। 

सीआरजेड अधिसूचना गोवा में लागू करने से इसका सीधा असर पारंपरिक मछुवारों पर पडेगा