Shantakumari, Editor ( SDC NEWS) : भाजपा के वरिष्ठ नेता व गोवा के पूर्व उप  मुख्यमंत्री श्री फ्रांसिस डी सूझा के निधन के पश्चात भाजपा ने मापुसा क्षेत्र से श्री फ्रांसिस के बेटे श्री जोशुआ डी सूझा को भाजपा उम्मीदवार के रूप में मापुसा क्षेत्र से टिकट देने का फैसला लिया  है। जिसके चलते श्री जोशुआ डी सूझा ने मापुसा क्षेत्र के उप चुनावी दंगल में उतर रहे है।  हालांकि श्री जोशुआ  ने चुनावी  प्रचार अभियान भी शुरू की है, और यह अभियान बड़ी जोरों पर चल रहा है। 

जानकारी के लिए आप को बतादे कि स्वर्गीय श्री फ्रांसिस डी सूझा भाजपा के एक ऐसे नेता थे। जिनका सभी समुदायों के साथ एक व्यापक संपर्क था। गोवा के उप मुख्यमंत्री व मापुसा के विधायक के नाते उन्होंने लोगों के भलाई के लिए कार्य कर जनता के अपेक्षाओं पर खरा उतरे।  इस दौरान वे हमेशा लोगों के बीच रह कर जनता की समस्याओं पर चर्चा किया करते थे, और साथ ही वे गोवा की विकास से जुड़े परियोजनाओं को पहली प्राथमिकता देते थे।

राजनीतिक जीवन की शुरुआत :

64 वर्षीया श्री फ्रांसिस डी सूझा ने अपनी राजनीतिक जीवन की  शुरुआत नगर सेवक के तौर पर की। जिसके बाद उन्होंने 1999 में वे गोवा राजिव कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए।  जिसके चलते उन्होंने विधानसभा चुनावों में कांटेस्ट भी किया था।  इस दौरान उन्होंने जीत भी हासिल की थी।

साल 2002 में फ्रांसिस डी सूझा भाजपा में शामिल हुए :

साल 2002 में फ्रांसिस डी सूझा ने  भाजपा में शामिल हुए। हालांकि उन्हें 2002 से लेकर 2018 तक  विधायक, मंत्री, उप मुख्यमंत्री और अन्य विभागों के मंत्रालय भी उन्हें सौंपा गया था। हालांकि 2012 में जब बीजेपी ने लोकसभा चुनावों में जीत  हासिल करने के पश्चात स्व श्री मनोहर पर्रिकर की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने उन्हें उप मुख्यमंत्री के रूप में चयन किया था।

2018 में फ्रांसिस डी सूझा को मंत्री पद से हटाया गया :  

एक तरफ मुख्यमंत्री की अस्वस्थ्य के कारण गोवा सरकारी कामकाज में प्रभावित हो रहा था, तो दूसरी ओर श्री फ्रांसिस डिसूज़ा और पांडुरंग मडकईकर की जगह श्री मिलिंद नाइक को सौंपा गया। सूत्रों के मुताबिक श्री फ्रांसिस डिसूज़ा और पांडुरंग मडकईकर पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे। जिसके चलते इन दोनों मंत्रियों के मंत्रालय से जुडी कामकाज भी बीमार मुख्यमंत्री ही देख रहे थे।

एक तरफ गोवा में सरकार बनाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी जंग शुरू हो चूका था, तो दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी सरकार बनाने का दावा पेश कर रही थी। इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रकते हुए बीजेपी पार्टी ने श्री फ्रांसिस डिसूज़ा और पांडुरंग मडकईकर की जगह श्री मिलिंद नाइक और नीलेश काब्राल को मंत्री पद सौंपना पड़ा।

Feb 14, 2019 फ्रांसिस डी सूझा का निधन :   

हालांकि श्री फ्रांसिस डी सूझा लंबे समय से कैंसर बिमारी से जूझ रहे थे। जिसके चलते अमेरिका में उनका इलाज चल रहा था। कुछ महीने पहले वे अमेरिका से इलाज कराकर गोवा लौटे थे। तब  एक निजी अस्पताल के देखरेख में उनका इलाज जारी था।  लेकिन Feb 14, 2019 फ्रांसिस डी सूझा की सेहद काफी बिगड़ गयी और उनका देहांत हो गया। जिससे उनके समर्थक व पार्टी और गोवा के जनता को काफी गहरा दुःख पहुंचा है।  

हालांकि श्री फ्रांसिस डी सुझा के वरिष्ठ नेताओं में एक, कई बार विधायक रहे, मंत्री, व भाजपा के सबसे सफल उप मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया। हालांकि आज वे हामरे बीच नहीं रहे है। यह दुख से भरा दिन है। इस शोक के वक्त में मेरी संवेधना उनके परिवार  को मेरी मेरी श्रद्धांजलि (Shantakumari) 

 

जोशुआ होंगे मापुसा के उम्मीदवार, भाजपा ने लगाई मुहर