Shantakumari, Editor – SDC NEWS : विधानसौदा समिति के एक बैठक में श्री आर. वि देशपांडे ने कहा कि हालांकि हम सब जानते है की नरेन्द्र मोदी सरकार ने 8 नवंबर को एक बड़ा कदम उठाते हुए 500 और 1000 के नोटों को बंद किए जाने की घोषणा की थी । लेकिन नोट बंदी के इस फैसले से काला धन पर लगाम लगनेवाली योजना पूर्ण रुप से विफल हुई है और सरकार द्वारा अचानक लिए गए इस फैसले से न केवल लोगों को परेशानी हो रही है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह बड़ा झटका है। आगे उन्होंने कहा कि हाल ही में माजी प्रधानमंत्री श्री डॉ . मनमोहन सिंह ने कहा था की नोट बंदी के फैसले से जीडीपी में 2 परसेंट तक गिरावट होने की संभावना है और उनकी यह बात सच हुई। यह उन्होंने एक बैठक में कहा। इसके अलावा देशपांडे ने नोटबंदी का सीधा साधा प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिखना चालू हो गया है।
इसके फलानुस्वरुप भारतीय अर्थव्यवस्था की गति में धीमी पड़ गई है। आर्थिक गतिविधियों के संकुचन के मुताबिक नोट बंदी का असर और उसका सीधा साधा प्रभाव हमें जीडीपी ग्रोथ में देखने को मिल रहा है। जिसके अनुसार जीडीपी में 6.2 प्रतिशत से 6.3 तक होने की संभावना है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि नोट बंदी पूर्ण रुप से विफल हुई है। जिसके फलानुस्वरुप देश के अर्थव्यवस्था पर असर हुआ है। जिसके तहद उत्पादन में कमी देखने को मिल रहा है। जिससे बेरोजगारी की समस्या विकसित एवं अल्पविकसित दोनों प्रकार की अर्थव्यवस्थाओं की प्रमुख समस्या बनती जा रही है। इसका समाधान अभी तक भी मिल नहीं पाया है। इसलिए केंद्र सरकार को इन सभी समस्याओं पर अधिक ध्यान देना होगा।